Sunday 7 May 2017

क्यों डरा जाते हैं दु:स्वप्नों के दैत्य?

हमें बुरे सपने क्यों आते हैं ? ...और इनसे बचने के लिए क्या किया जाए? ये शाश्वत प्रश्न हैं और इनके कुछ दिलचस्प उत्तर इंसान तलाशता आया है...
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ऐसा कोई नहीं जिसे कभी डर न लगा हो और ऐसा भी कोई नहीं जिसे डरावने सपने कभी न आए हों। दिन भर की आपाधापी से चूर इंसान दुनिया-जहान के तनावों से दूर होकर चंद पल सुकून के चाहता है, जो उसे नींद के आगोश में मुहैया होते हैं। मगर डरावने स्वप्न इस राहत में खलल बनकर आ धमकते हैं। नन्हे शिशु से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक इस अप्रिय अनुभव से गुजरते हैं। विज्ञान ने दु:स्वप्नों के कुछ कारण भी खोज निकाले हैं, जैसे तनावपूर्ण मन:स्थिति, हाल ही में गुजरा कोई हादसा आदि मगर इनसे बचने का कोई रामबाण नुस्खा न उपलब्ध हो पाया है और न शायद कभी उपलब्ध होगा। हां, इन कष्टकारी सपनों को लेकर इंसान का चिंतन-मनन चलता रहा है। इसके चलते विभिन्ना संस्कृतियों में दु:स्वप्नों के कुछ दिलचस्प कारण गिनाए गए हैं और इनसे बचने के उपाय भी सुझाए गए हैं।
योरप में लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि कोई राक्षस सो रहे व्यक्ति की छाती पर सवार होकर उसकी नींद में बुरे सपने डाल देता है। उसके यूं छाती पर सवार होने की वजह से व्यक्ति की सांस फूलने लगती है, वह घबरा उठता है और नींद से जाग जाता है। कुछ लोग यह भी मानते थे कि किसी राक्षसी घोड़े की सवारी करने की वजह से बुरे सपने आते हैं। यह भी माना जाता था कि ये सपने डायनों की वजह से आते हैं और ये डायनें कभी मेंढक, तो कभी घोड़े और कभी कुत्ता, बिल्ली, मधुमक्खी आदि का रूप धारण कर लेती हैं। जब कोई व्यक्ति इनकी वजह से बुरे सपने देखकर जागता है, तो उसके बाल बुरी तरह उलझे हुए होते हैं। कहा तो यह भी जाता था कि बुरे सपनों वाली यह डायन पेड़ों पर भी सवार हो जाती है और इस कारण पेड़ों की डालियां आपस में उलझ जाती हैं!
प्राचीन यूनान में बुरे सपनों के लिए फॉवीटॉर को जिम्मेदार माना गया था। इन्हें बाकायदा दु:स्वप्नों के देवता का दर्जा हासिल था और ये नींद के देवता के पुत्र माने गए। माना जाता था कि ये मनुष्य के सपनों में दैत्यों, डरावने पशुओं आदि को लेकर आते हैं। इनके दो भाई भी हैं, जिनमें से एक सपनों में मनुष्यों को दर्शाते हैं और दूसरे, निर्जीव वस्तुओं को।

दु:स्वप्नों से त्रस्त मनुष्य ने इनसे बचने के लिए तरह-तरह की युक्तियां आजमाई हैं। पंद्रहवीं सदी के आसपास योरप में ऐसी एक युक्ति काफी प्रचलित हुई थी। वह यह कि अपने बिस्तर के पास यदि एक ऐसा पत्थर टांग दिया जाए, जिसमें प्राकृतिक रूप से छेद हो, तो इससे बुरे सपने लाने वाले राक्षस-डायन आदि आपसे दूर रहते हैं। फ्रांस में कहा जाता है कि दु:स्वप्नों के दैत्य से अगर बचकर रहना है, तो आप अपने गद्दे के नीचे लोहे की कुछ कीलें रख लें। या फिर अपने पैरों की उंगलियां बिस्तर से बाहर की ओर करके सोएं। उत्तर दिशा में सिर करके सोने से भी इस दैत्य से बचा जा सकता है। बुरे सपने हमें नींद से जगा तो देते ही हैं, अक्सर हमारे अवचेतन में यह भय भी छोड़ जाते हैं कि हमने सपने में जो अनिष्ट होते देखा, कहीं वह सच तो नहीं हो जाएगा! इसीलिए मेक्सिको में यह कहा जाता है कि यदि आपको कोई बुरा सपना आए, तो अपने किसी करीबी व्यक्ति को उसके बारे में बता दें। इससे वह सपना हकीकत में नहीं बदल पाएगा। हां, यह बात उसके कानों में फुसफुसाने के बजाए जोर-जोर से बोलकर सुनानी चाहिए...!

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