Friday 27 February 2015

चमगादड़ की आंख से 'गायब" होता आदमी!


 रात में उड़ते, दिन में उल्टे लटककर सोते चमगादड़ अपने इर्द-गिर्द रहस्य का आवरण लिए रहते हैं। और यह रहस्य कल्पनाओं की कई-कई उड़ानों को ईंध्ान देता है...
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किसी पेड़ से उल्टे लटके चमगादड़ देखे हैं आपने? बड़ा कौतुहल उत्पन्ना करता है यह नजारा। और थोड़ा डर भी। हर वह चीज जिसे हमारी बुद्धि 'असामान्य" के रूप में वर्गीकृत करती है, हमें थोड़ा डराती जरूर है। फिर चमगादड़ तो हैं ही बड़े 'असामान्य"। ये पक्षी जैसे दिखते हैं लेकिन पक्षी हैं नहीं। ये स्तनपायी हैं लेकिन स्तनपायिों जैसे नहीं दिखते। पेड़ों पर 'ढंग से" बैठने के बजाय उल्टे लटकते हैं। निशाचर होने के नाते वैसे ही ये अपने इर्द-गिर्द रहस्य का आवरण लिए होते हैं। तो कुल मिलाकर रहस्य, कौतुहल, मिथकों और अंध्ाविश्वासों के घेरे में ही रहता है चमगादड़ों का अस्तित्व।
एक रोमन नीतिकथा के अनुसार, एक बार थलचरों और नभचरों के बीच युद्ध छिड़ गया। चमगादड़ ने तय कर रखा था कि इस युद्ध में जो भी जीतेगा, वह उसी की तरफ रहेगा। जब नभचरों का पलड़ा भारी रहने लगता, तो वह अपने पंखों का हवाला देकर खुद को पक्षी बताता और उनकी वाहवाही करता। जब थलचर भारी पड़ने लगते, तो चमगादड़ अपने दांतों का हवाला देकर खुद को उनका जात-भाई बताता। जब तक युद्ध चलता रहा, चमगादड़ यूं ही पाला बदलता रहा। अंतत: जब युद्ध का कोई नतीजा नहीं निकला, तो दोनों पक्षों ने थक-हारकर आपस में समझौता कर लिया। अपने गिले-शिकवे दूर करने के साथ ही उन्होंने चमगादड़ को दंडित करने का फैसला भी किया क्योंकि वह किसी भी पक्ष के प्रति वफादार नहीं रहा था और अवसर देखकर पाला बदलता रहा था। तय हुआ कि चमगादड़ अन्य पक्षियों की तरह दिन में नहीं उड़ पाएगा, उसे रात में ही उड़ना होगा। यह भी कि वह थलचरों के साथ शिकार नहीं कर पाएगा। यानी दोनों ही खेमों ने उसे अपने में शामिल करने से इनकार कर दिया। यही कारण है कि चमगादड़ अलग-थलग, अकेले रहते हैं।
अमेरिकी आदिवासियों में चमगादड़ की उत्पत्ति की कहानी कुछ इस प्रकार है कि एक बार थलचरों और नभचरों के बीच खेल का आयोजन हुआ। थलचरों की टीम का कप्तान था भालू और नभचरों की टीम का कप्तान बाज था। दोनों टीमें मैच की तैयारी कर ही रही थीं कि दो नन्हे, चूहे-नुमा प्राणी नभचरों के पास आए और टीम में शामिल किए जाने की गुजारिश करने लगे। बाज ने उन पर एक नजर डाली और कहा कि तुम तो चार पैरों वाले हो और तुम्हारे पंख भी नहीं हैं। तुम्हें तो थलचरों की टीम में होना चाहिए। इस पर वे बोले कि पहले हम उन्हीं के पास गए थे लेकिन उन्होंने हमारे छोटे आकार का मजाक उड़ाया और भगा दिया। बाज को उन पर दया आ गई। अपने साथियों से सलाह-मशविरा कर उसने तय किया कि इन नन्हें प्राणियों को पंख लगाकर इन्हें भी नभचर बना दिया जाए। पास ही में एक ढोल पड़ा था, जिस पर चमड़ा तना था। उसमें से चमड़े के दो टुकड़े काटकर एक नन्हे प्राणी के आगे वाले पैरों पर बांध्ा दिए गए। ये उसके पंख बन गए और वह प्राणी बन गया चमगादड़। दूसरे प्राणी के लिए चमड़ा नहीं बचा था, सो पक्षियों ने उसी की चमड़ी को खींच-तानकर उसके लिए पंख बनाए और यह बन गई उड़न-गिलहरी!
मेक्सिको के लोग मानते हैं कि चमगादड़ ने कुछ पक्षियों के रंग-बिरंगे, खूबसूरत पंखों को देखकर ईर्ष्या की थी, जिसके कारण उसे गहरा रंग दिया गया और निशाचर होने के लिए अभिशप्त किया गया। इसी कहानी का एक अन्य रूप यह है कि कभी चमगादड़ के भी खूबसूरत, रंग-बिरंगे पंख हुआ करते थे और उसे अपनी सुंदरता पर बहुत घमंड हो गया था। इसलिए ईश्वर ने उसे दंडित किया और उसके ये खूबसूरत पंख झड़ गए। चमगादड़ को अपने नए रूप पर इतनी शर्मिंदगी हुई कि इसके बाद वह रात के अंध्ोरे में ही बाहर निकलने लगा...!
चमगादड़ लगभग पूरी दुनिया में पाए जाते हैं और हर कहीं इन्हें लेकर कुछ अलग मान्यता रहती आई है। आइवरी कोस्ट में इन्हें दिवंगत लोगों की आत्माएं माना जाता है। वहीं मेडागास्कर में कहते हैं कि ये अपराध्ाियों, काले जादूगरों और ऐसे लोगों की आत्माएं हैं, जिनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया! एक समय ऑस्ट्रिया में माना जाता था कि अगर आप किसी चमगादड़ की बायीं आंख को जेब में लेकर चलें, तो आप अदृश्य हो सकते हैं! योरप मंे यह भी कहा जाता था कि चुड़ैलें चमगादड़ के खून से ही वह जादुई पदार्थ बनाती हैं, जिसकी मदद से वे झाड़ुओं को उड़ा सकती हैं! इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के लोगों का विश्वास था कि चमगादड़ चुड़ैलों और शैतान के बीच संदेश वाहक का काम करते हैं। वहीं दक्षिण अमेरिका की माया सभ्यता में चमगादड़ का खास स्थान था। यहां गुफाओं के देवता कामाजोट्ज को मनुष्य के ध्ाड़ और चमगादड़ के सिर तथा पंखों के साथ दर्शाया जाता था। उध्ार मध्ययुग में योरप में चमगादड़ों को बीमारियां फैलाने वाला जीव माना जाता था। रोमानिया में मान्यता थी कि अगर चमगादड़ किसी शव के ऊपर से उड़कर जाए, तो वह व्यक्ति कब्र से लौट आता है! मौत के साथ इन्हें इस कदर जोड़कर देखा जाता है कि कई जगह माना जाता है कि अगर चमगादड़ किसी के घर के ऊपर मंडरा रहा हो, तो इसका यह मतलब है कि उस घर में किसी की मृत्यु निकट है। इसके विपरीत, चीन में चमगादड़ों को दीर्घायु और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। खास तौर पर एक साथ पांच चमगादड़ों का नजर आना बहुत शुभ शगुन माना जाता है।

खैर, हम इन्हें शुभ मानें या अशुभ, सवाल यह है कि रातों की उड़ान और दिन की उल्टी नींद के बीच क्या चमगादड़ भी हम मनुष्यों के बारे में सोचा करते होंगे! यदि हां, तो वे हमें अपने लिए शुभ समझते होंगे या अशुभ...! 

1 comment:

  1. Ager rat mei chamgadar kisi se takra jaye aur aisa ek bar nhi do bar ho chuka h wo b rat mei to kya wo shubh h ya ashubh

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