Sunday 20 September 2015

जब कोई तारा टूटे

अगर कोई तारा टूटता हुआ दिखे, तो आप क्या करते हैं? कोई वर मांगते हैं या फिर किसी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं? आपको शायद यकीन न हो मगर कुछ लोग तो इसे देखकर मृत्यु की छानबीन तक करने लगते हैं...!
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आसमान के तारों को मनुष्य ने हमेशा अपने से ऊंचे मुकाम पर देखा है। भौतिक या वास्तविक रूप से ही नहीं, प्रतीकात्मक रूप से भी। रात के अंधियारे में अपनी रोशनी का तिलस्म बिखेरते सितारे देवताओं की बस्ती होने का भ्रम भी सिरजते आए हैं। ऐसे चमत्कारी, तिलस्मी, अलौकिक शक्ति से भरे तारों का 'टूटना" और आसमान से 'गिर पड़ना" कल्पना से परे लगता है मगर जब आंखें प्रत्यक्ष रूप से ऐसा होते देखें, तो इसे कैसे नकारा जाए! किसी 'टूटते" तारे के दर्शन ने पहले-पहल इंसान को किस कदर भ्रम और भय से भर दिया होगा, आज के विज्ञान के युग में इसकी कल्पना करना भी कठिन है। तो इंसान ने तारों के इस पतन की विवेचना करने की कोशिश की। इसके पीछे के कारणों को जानना चाहा और इस 'जानने" के फेर में कुछ ऐसे विश्वास गढ़े, जो सदियों तक आस्था के आसमान पर टिमटिमाते रहे।
टूटते-गिरते तारों को लेकर ऐसा ही एक विश्वास पश्चिम में जन्मा लेकिन भारत में भी हममें से कई बचपन से ही उससे वाकिफ रहे हैं। वह यह कि अगर कोई तारा टूटता हुआ नजर आए, तो तुरंत कोई 'विश" मांग लो। जो मांगोंगे, वह मिलेगा। किसी किस्म की टूट-फूट या पतन/ह्रास पर अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करना अटपटा तो लगता है लेकिन यह सदियों से चला आया जन-विश्वास है। कहते हैं कि इसकी उत्पत्ति दूसरी सदी में तब हुई, जब ग्रीक खगोलविद टोलेमी ने अपना अनोखा सिद्धांत पेश किया। उन्होंने कहा कि आसमान में अपनी अलग दुनिया में विराजे देवता कभी-कभी उत्सुकता या फिर बोरियत के चलते हम मनुष्यों के संसार यानी पृथ्वी पर निगाह डाल देते हैं। इस दौरान दोनों लोकों के बीच का झरोखा कुछ पल के लिए खुल जाने की वजह से वहां के कुछ तारे गिरकर धरती की ओर आने लगते हैं। चूंकि यही वह वक्त होता है, जब देवताओं की नजरें हमारे लोक पर और हम पर इनायत होती हैं, सो इस क्षण में मांगी जाने वाली मुराद उन तक पहुंचने और पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है..! कहिए, हुई ना मासूम कल्पनाशक्ति की गगनचुंबी उड़ान?
सच तो यह है कि ये कथित टूटते तारे 'उल्काएं" हैं। यानी अंतरिक्ष में सफर करते ऐसे पिंड, जो पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर जाने पर घर्षण के मारे जल उठते हैं। हमें जीवन देने वाला वातावरण इन आसमानी पिंडों की मौत का कारण बन बैठता है। ... और मरते-मरते ये जिंदा कर जाते हैं कई मिथकों को।
मध्य योरप में लोग यह मानते आए हैं कि धरती पर मौजूद प्रत्येक मनुष्य के नाम का एक तारा आकाश में विद्यमान है। जब भी धरती पर कोई मृत्यु को प्राप्त होता है, तब आसमान में उसका तारा टूटकर गिरता है। सो टूटता तारा देखकर वे उस अनजान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। जर्मनी के स्वाबिया नामक इलाके में टूटता तारा दिखना आने वाले वर्ष के शुभ होने का संकेत समझा जाता था। मगर चूंकि अति हर चीज की बुरी होती है, सो यह भी कहा जाता था कि अगर आपने एक ही रात में तीन तारों को टूटते हुए देख लिया, तो आपकी मृत्यु निश्चित है! स्विट्जरलैंड के लोग उल्काओं में साक्षात ईश्वर की शक्ति विद्यमान होना मानते थे। वहीं जापानी लोगों में यह आस्था रही है कि अगर कोई तारा टूटकर आपकी ओर आता दिखाई दे, तो अपने किमोनो के कॉलर खोल दें ताकि उसका शुभत्व आपके भीतर समा जाए...!
प्राचीन काल में मेसोपोटामिया और उत्तरी योरप के लोग उल्काओं को आकाश से अवतरित होती शैतानी शक्तियों के रूप में देखते थे। वहीं मध्य-पूर्व में इन्हें स्वर्ग से पतित/ निष्कासित देवदूत समझा जाता था। उत्तरी अमेरिका की एक जनजाति में पाहोकाटा नामक आदमी की कहानी प्रचलित रही है, जिसे जंगली जानवर खा गए थे। उसकी आत्मा स्वर्ग पहुंची, तो देवताओं ने उसे फिर जीवित कर दिया और उल्का के रूप में वापस धरती पर भेज दिया। इस प्रकार उल्काएं मृत्यु के बाद पुनर्जीवन की प्रतीक बन गईं।

पूर्वी योरप के देश बेलारूस में टूटते तारे को लेकर कुछ ज्यादा ही विस्तृत विवेचना की गई है। यहां तक कि उसके गिरने के अंदाज से इस बात के कयास लगाए जाते हैं कि वह जिसकी मौत का सूचक है, उसकी मृत्यु कैसी रही होगी। जैसे यह कि यदि तारा सीधे-सीधे गिर रहा है, तो सामान्य मृत्यु हुई है। मगर यदि वह बिखरते हुए गिर रहा है, तो मामला हत्या का है! वहीं अगर तारा टूटकर कभी इधर तो कभी उधर जाता हुआ दिख रहा है, तो जरूर किसी ने आत्महत्या की है...। मजेदार बात यह है कि बेलारूस में ही कहीं-कहीं टूटते तारे को मृत्यु के बजाय जन्म का सूचक भी माना गया है। इसके अनुसार, अगर कोई तारा टूटता है, तो इसका यह मतलब है कि कहीं किसी नाजायज संतान ने जन्म लिया है..! 

5 comments:

  1. आज के युग मे क्या होता है तारे टूटने का अर्थ - टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पुरी करता है ॥ क्योकी उसे टुटने का दर्द मालुम होता है ॥ मतलब जब किसी का प्यार मे दिल टूट जाता है ॥ तो उसे दिल टूटने का दर्द बहुत होता है ॥ उसे रात भर निंद नही आती है ॥ और वहा रब से गुजारिश करता है ॥ मुझे मेरा प्यार मिल जाएं ॥ तब अचानक उसे तारा टूटता हुआ दिखाई देता है ॥ तब वहा अपना खोया हुआ प्यार और यार मिल जाएं ॥ ऐसे वो टूटते तारे को रब मानकर उससे मांग ही लेता है ॥ कहते है न प्यार के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है ॥ आसमान के तारो को भी धरती पर लाने की सोच लेता है ॥

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  2. Y sachi may hota hai kya mera pyar b dur ho raha hai uski shadhi ho rhi ha kahi or par aaj maine tuta hua taraa dekh k wish mangi kaash wo mujhe mil jaaye ab

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  3. कभी सिद्धांत व्योहार को चुनौती देता है तो कभी व्योहार सिद्धांत को

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