Sunday 8 October 2017

घर में कैसे घुसा चूहा?

चूहों को कहीं प्राण ऊर्जा चूसने वाला माना गया है, तो कहीं प्रसूताओं के प्राण बचाने वाला। इन्हें इंसाफ करने वाला भी बताया गया है...!
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प्रशांत महासागर स्थित सोलोमन द्वीपों में हाल ही मंे चूहे की एक नई प्रजाति सामने आई है। इसकी खासियत यह है कि यह चूहा ऊंचे पेड़ों पर रहता है और यह लगभग डेढ़ फुट लंबा होता है! हालांकि स्थानीय रहवासी लंबे समय से कहते आ रहे थे कि यहां ऐसे चूहे पाए जाते हैं मगर अब तक वैज्ञानिकों को इसका प्रमाण नहीं मिल पाया था। अब वह भी मिल गया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि विका नामक यह चूहा अपने नुकीले दांतों से नारियल तक को बेध देता है!
चूहे आम तौर पर गंदगी और बीमारी के पर्याय माने गए हैं, जिस कारण ये वितृष्णा जगाते हैं। इसके चलते इन्हें लेकर तरह-तरह की कहानियां भी गढ़ी गई हैं। इनमें से कुछ में तो इन्हें बड़े ही खौफनाक प्राणी के रूप में चित्रित किया गया है। मसलन, ब्राजील में कोलो कोलो नामक डरावने चूहे के बारे में बताया जाता है। कहा जाता है कि एक सांप द्वारा दिए गए अंडे को एक मुर्गे द्वारा सेने से जो प्राणी अस्तित्व में आया, वह कोलो कोलो था, जोकि चूहे जैसा ही था। लोग मानते हैं कि कोलो कोलो मनुष्यों के घरों में छुपकर रहता है। जब लोग सो रहे होते हैं, तब वह जाकर उनकी जीभ पर काटकर उनकी लार चूस लेता है। इसके साथ ही सो रहे व्यक्ति की प्राण ऊर्जा भी जाने लगती है और समय रहते स्थिति को संभाला नहीं गया, तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
जर्मनी की एक लोककथा में कहा गया है कि एक क्रूर सामंत गरीबों पर खूब अत्याचार करता था। एक बार प्रांत में अकाल पड़ा। लोग भूख से तड़पने लगे। सामंत के भंडार अनाज से भरे थे लेकिन वह इसे गरीबों में बांटने को तैयार नहीं था। इसके बजाए, उसने गांव वालों को छलपूर्वक अपने एक खाली खलिहान में बुलाया, इस आश्वासन के साथ कि उन्हें अनाज दिया जाएगा। जब सारे ग्रामीण खलिहान में चले गए, तो उसने बाहर से दरवाजा बंद कर अपने खाली खलिहान को आग के हवाले कर दिया और चल पड़ा। लोगों की चीखें सुनकर वह बुदबुदाया, 'चूहे चीं-चीं कर रहे हैं!" इसके बाद जैसे ही वह घर पहुंचा, उस पर चूहों की फौज ने हमला बोल दिया। वह भागा, मगर चूहे उसे नोच-नोचकर खा गए। इस प्रकार चूहे यहां इंसाफ करने वाले के रूप में दर्शाए गए हैं।
चूहों संबंधित कुछ अंधविश्वास बेहद प्रचलित रहे हैं। मसलन यह कि यदि चूहे किसी समुद्री जहाज से बाहर कूद रहे हैं, तो इसका मतलब जहाज डूबने वाला है। इसी प्रकार यह भी कहा जाता है कि यदि चूहे अकारण घर से बाहर भागने लगें, तो यह किसी आसन्ना अनिष्ट का संकेत हो सकता है। मजेदार बात यह है कि कहीं-कहीं चूहों का घर में आना भी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि यह इस बात का संकेत है कि उस घर में दौलत आने वाली है! चूहों संबंधी सपनों को लेकर भी मजेदार धारणाएं रही हैं। मसलन, यह कि यदि आप सपने में चूहे देखते हैं, तो आपके खूब सारे दुश्मन होंगे!
मिस्र में प्राचीन काल में लोग चूहों को बुद्धिमान प्राणी मानते थे। कारण यह कि ये कहीं भी पहुंचकर भोजन की तलाश कर ही लेते हैं। उधर प्राचीन रोम में सफेद चूहे का नजर आना अच्छा शगुन समझा जाता था।

सूदान की जनश्रुति में यह बताया गया है कि आखिर कैसे चूहे आकर इंसानों के घरों में रहने लगे। इसके अनुसार कई सदियों पहले प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु तय थी क्योंकि लोग प्रसव पीड़ा से तड़प रही स्त्री का पेट चीरकर शिशु को निकाल लेते थे। एक दिन एक चूहा गांव में आया। उसने जब यह प्रथा देखी, तो हैरत में पड़ गया। लोग एक प्रसूता का पेट चीरने को हुए, तो चूहे ने उन्हें रोक दिया और कहा, 'पेट मत चीरो, थोड़ा इंतजार करो। यह बच्चे को जन्म दे देगी।" थोड़ी देर में जब महिला ने प्राकृतिक रूप से बच्चे को जन्म दिया, तो स्वयं वह यह देखकर दंग रह गई कि बच्चा जनने के बाद भी वह जीवित बच गई है। तब मनुष्यों को यह ज्ञान हुआ कि बच्चे को जन्म देने के लिए मां का पेट चीरने की जरूरत नहीं होती। सारी कृतज्ञ महिलाओं ने चूहे को पुरस्कृत करना चाहा। तब चूहे ने कहा कि मुझे अपने घर में रहने दें और जो आप खाएं, वह खाने की मुझे भी अनुमति हो। बस, तभी से चूहा हमारे घरों में घुसा हुआ है!

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