Sunday 18 June 2017

क्यों गरजता-चमकता है आसमान?

बादलों के गरजने व बिजली के चमकने को हम इस मौसम में सामान्य रूप में लेते हैं मगर जनश्रुतियों में इनके पीछे कुछ बड़े असामान्य-से कारण बताए गए हैं...
***

बारिश का मौसम यानी बादलों के गरजने और आसमान में बिजली के कड़कने का मौसम। काले बादलों से आच्छादित आसमान में चमकती बिजली और कंपकपा देने वाली गर्जना प्रकृति के किसी महानाट्य को जीवंत कर देती है। तर्क और तथ्य के धरातल पर खड़े विज्ञान ने इस महानाट्य के पीछे जो कारण गिनाए सो गिनाए, मगर मानव की कल्पनाशक्ति ने भी इसमें अपने रंग भरे हैं।
नाइजीरिया की एक लोक कथा के अनुसार, बहुत पहले गर्जना एक भेड़ थी और विद्युत उसका पुत्र मेढ़ा था। दोनों धरती पर ही रहते थे लेकिन राजा के आदेशानुसार उन्हें शहर के बाहरी इलाके में रहना पड़ता था। इसका कारण था मेढ़े का गर्म स्वभाव। जब भी उसे गुस्सा आता, वह लोगों के घर जला डालता, पेड़ नष्ट कर देता और यहां तक कि कभी-कभी तो मनुष्यों को भी मार देता। उसकी मां भेड़ उसे रोकने का भरसक प्रयास करती। वह अपनी रौबदार आवाज में उससे शांत होने और वापस आने को कहती। आखिरकार जब मेढ़े की बदमिजाजी से लोग आजिज आ गए, तो उन्होंने राजा से शिकायत की और राजा ने मां-बेटे दोनों को जंगल में जाकर रहने का फरमान सुनाया। मगर मेढ़ा कहां सुधरने वाला था! गुस्सा आने पर वह यहां भी नुकसान करता फिरता। उसके कारण कई बार जंगल में आग लग जाती। तब राजा ने उन दोनों को धरती छोड़ आसमान में रहने का हुक्म सुनाया। आकाश में जा बसने के बाद भी विद्युत का मिजाज नहीं बदला। वह अब भी इधर-उधर आग गिराता रहता है और उसकी मां उसे रोकने के लिए गरजती है...
अमेरिकी आदिवासी समुदाय में बादलों की गर्जना का एक अन्य मजेदार कारण बताया गया है। ये लोग मानते हैं कि जंगलों में दूर कहीं गर्जन का गांव है। यहां रहने वाले तिलस्मी लोग ही आसमानी गर्जना कराते हैं। समय-समय पर इनका मुखिया इन्हें आदेश देता है कि इन्हें कहां जाकर कितनी देर तक गरजना है। तब ये सब अपने शरीर पर जादुई पंख धारण कर निकल पड़ते हैं गरजने को। दरसअल, इनके पंखों के फड़फड़ाने की आवाज ही गर्जन के रूप में सुनाई देती है। अक्सर ये अपने पंख धारण कर आसमान में गेंद से खेलते हैं। तब हमें बहुत देर तक इनकी आवाज सुनाई देती रहती है। ये चिलम पीने के भी शौकीन होते हैं और इनकी चिलम हमें आसमानी बिजली के रूप में नजर आती है!

एक अन्य अमेरिकी दंतकथा के अनुसार, एक बार दो नन्हे भाई-बहन राह भटककर अनजान गांव में पहुंच गए। वहां के लोगों ने उन्हें आश्रय दिया, भोजन-पानी दिया। साथ ही उन्हें बताया कि यह गांव अंधकार को अभिशप्त है। रोज सुबह एक क्रूर पक्षी यहां आकर अपना जादुई गीत गाता है, जिसके कारण गांव में सूरज नहीं उगता। यदि कोई इस पक्षी को भगाने का प्रयास करे, तो वह उसका सिर काटकर धड़ से अलग कर देता है। अगली सुबह बालक उस पक्षी को ललकारने जा पहुंचा और अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से उसे छकाकर, मौका पाते ही उसका सिर चाकू से काटकर अलग कर दिया। कृतज्ञ गांववालों ने उसे एक विशाल चमचमाती तलवार भेंट की और उसकी बहन के लिए विशाल गेंद ले आए। आज जब यह बालक अपनी तलवार लहराता है, तो वह हमें आसमानी बिजली के रूप में दिखाई देती है। और जब भाई-बहन अपनी विशाल गेंद को लुढ़काकर खेलते हैं, तो हमें उसकी गर्जना सुनाई देती है...

No comments:

Post a Comment