Sunday 10 September 2017

जब हरी गाय चरे नीली घास!

यदि आप जानना चाहते हैं कि मनुष्य की कल्पनाशक्ति कहां तक जा सकती है, तो जरा हिचकियों से मुक्ति के लिए सुझाए जाने वाले उपायों पर गौर करें।
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कभी-कभी कोई छोटी-सी चीज भी हमें इस कदर परेशान कर देती है कि इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं। हिचकी आना यूं कोई बड़ी बात नहीं है मगर जब यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो इंसान को अन्वेषक से लेकर निरा घनचक्कर भी बना डालती है।
आम तौर पर कहा जाता है कि यदि आपको हिचकी आ रही है, तो इसका मतलब यह है कि कहीं कोई आपको याद कर रहा है। ऐसी धारणा भारत में ही नहीं, एशिया व योरप के अनेक देशों में भी व्याप्त है। हिचकियों से छुटकारा पाने के लिए ऐसी सलाह दी जाती है कि आप जितने लोगों को जानते हैं, उनके नाम एक-एक कर लेना शुरू करें। जिस व्यक्ति का नाम लेते ही हिचकियां रुक जाएं, समझ जाएं कि वही आपको याद कर रहा था। मनोवैज्ञानिक इस युक्ति के पीछे बड़ा तार्किक कारण बताते हैं। वह यह कि जब आप याद करने वाले का कयास लगाकर लोगों के नाम लेने लगते हैं, तो आपका ध्यान हिचकियों से हट जाता है। खैर, ऐसा भी नहीं है कि हिचकी का मतलब हमेशा यही माना जाए कि कोई याद कर रहा है। हंगरी में माना जाता कि हिचकी तब आती है, जब कोई किसी से आपकी चुगली कर रहा होता है। वहीं ग्रीस में कहा जाता है कि जब कहीं आपकी शिकायत की जाती है, तो आपको हिचकी आती है!
यूं हिचकियां स्वास्थ्य के लिए कोई गंभीर खतरा पेश नहीं करतीं मगर जापान में ऐसी धारणा रही है कि यदि किसी को लगातार सौ हिचकियां आ जाएं, तो उसकी मृत्यु हो जाती है! कोलंबिया में भी माना जाता है कि यदि हिचकियां रोकने के सारे उपाय बेकार जाते हैं, तो फिर मृत्यु ही उस व्यक्ति को इनसे छुटकारा दिलाती है। हिचकियों के प्रकोप से बचने के लिए वहां के लोग सलाह देते हैं कि भोजन बेहद धीरे-धीरे ग्रहण किया जाए! परातनकालीन इंग्लैड में कहा जाता था कि हिचकियों के पीछे नन्हे प्रेतों की खुराफात होती है। इन प्रेतों के प्रकोप से मुक्ति पाने के उपाय भी बड़े दिलचस्प सुझाए जाते थे। मसलन, यह कि कुछ खास जड़ी-बूटियों का लेप तैयार कर उससे क्रॉस का निशान बनाया जाए और लातीनी भाषा में एक खास प्रार्थना गाई जाए। या फिर यह कि अपने दायें हाथ की तर्जनी पर थूकिए और अपने बायें जूते के सामने क्रॉस का निशान बनाकर अमुक प्रार्थना उल्टी बोलें...!
आयरलैंड में तो हिचकियों से मुक्ति पाने के लिए बड़ी ही अफलातूनी युक्ति सुझाई जाती है। कहा जाता है कि यदि आप नीली घास चरती एक हरी गाय की कल्पना करें, जो हिचकियां चली जाएंगीं! स्कॉटलैंड में मध्यकाल में लोग अपनी जीभ पर रूमाल बांधकर उसे बाहर की ओर खींचकर सौ तक गिनते थे। माना जाता था कि इससे हिचकियों से छुटकारा मिल जाएगा। नॉर्वे में हिचकियों की काट के लिए लोग ग्लास में छुरी रखकर पानी पीते हैं! योरप की रोमानी जनजाति के पास भी एक नुस्खा है। वह यह कि अपने गले में लाल धागा डालिए, उस धागे में एक चाबी बांधिए और फिर उस चाबी को अपने बायें कंधे पर डाल दीजिए।

इसके अलावा भी कई और अजीबोगरीब तरकीबों की सिफारिश हिचकियों को भगाने के लिए की जाती है। मसलन, शीर्षासन करना, कूदना, सीने पर बर्फ रखना, नाक/ कान बंद करके पानी पीना, चम्मच को पांच मिनिट तक ठंडा करके माथे पर रखना आदि। कुल मिलाकर, एक मामूली हिचकी मनुष्य की कल्पनाशक्ति को भरपूर उड़ान दे डालती है। 

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